Saturday, May 15, 2021

मोसाद का ऑपरेशन एंटेबे

 

अगर आप इस के बारे में नहीं जानते तो आप इजराइल के दुस्साहस को नहीं समझ सकते। 1976 में वाडी हद्दाद उर्फ़ अबू हानी जो  पी॰पी एल ऍफ़ का सदस्य था ने जर्मन रिवोल्यूशनरी सेल के दो सदस्य द्वारा के साथ मिल कर तेल अवीव से पेरिस जाने वाली एयर फ्रांस एयरबस एयरलाइनर को हाईजैक कर लिया।अपहरणकर्ताओं का उद्देश्य इज़रायल में कैद 40 फ़िलिस्तीनी और संबद्ध उग्रवादियों को और चार अन्य देशों में 13 कैदियों को बंधकों के बदले मुक्त करना था। जहाज़ को पहले एथेंस फिर बेनगाज़ी होते हुए युगांडा के मुख्य हवाई अड्डे एंटेबे ले जाया गया जहाँ के तानाशाह ईदी अमीन जिसे शुरू से ही अपहरण की सूचना  थी, ने व्यक्तिगत रूप से अपहरणकर्ताओं का स्वागत किया ।विमान से सभी बंधकों को एक अप्रयुक्त हवाई अड्डे की इमारत में ले जाने के बाद, सभी इजरायलियों और कई गैर-इजरायल यहूदियों को बड़े समूह से अलग कर उन्हें एक अलग कमरे में बंद  कर दिया। अगले दो दिनों में, 148 गैर-इजरायल बंधकों को रिहा कर दिया गया और बचे हुए मुख्य रूप से 99 इजरायली और 12 सदस्यीय एयर फ्रांस चालक दल को बंधक बनाए  रखा। अपहरणकर्ताओं ने बंधकों की रिहाई की मांग पूरी नहीं होने पर बंधकों को जान से मारने की धमकी दी।
फ्रांस ने बंधकों को छुड़ाने के लिए मध्यस्थता करने का प्रयास किया और ईदी अमीन को नोबेल शांति पुरस्कार तक का लालच दिया मगर उसने बंधकों को छोड़ने में मदद से इंकार कर दिया । अब अपने देशवासियों को बचाने की जिम्मेदारी इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद थी जिसने बचाव अभियान की दुस्साहसी योजना बनाई गई जिसमे युगांडा में घुस के उनकी सेना से सशस्त्र प्रतिरोध की तैयारी शामिल थी। आईडीएफ ने मोसाद द्वारा दी गई जानकारी पर अभूतपूर्व और दुस्साहस कार्रवाई की। 
ऑपरेशन रात में हुआ। बचाव अभियान के लिए इज़राइली परिवहन विमानों ने 4,000 किलोमीटर (2,500 मील) से अधिक 100 कमांडो को युगांडा ले जाया गया । एक हफ्ते की योजना के बाद चला यह ऑपरेशन 90 मिनट तक चला। 106 बंधकों में से 102 को बचा लिया गया और तीन मारे गए। एक बंधक जो  अस्पताल में था और बाद में उसे मार दिया गया। इस ऑपरेशन में पांच इजरायली कमांडो घायल और यूनिट कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन नेतन्याहू जो आज के प्रधानमत्री नेतन्याहू बेंजामिन नेतन्याहू के बड़े भाई थे, मारे गए। सभी अपहर्ता और पैंतालीस युगांडा के सैनिक मारे गए |युगांडा की वायु सेना के सोवियत निर्मित  ग्यारह मिग-17 और मिग-21 को नष्ट कर दिया गया। ऑपरेशन के बाद ईदी अमीन ने मोसाद की मदद करने के लिए युगांडा में मौजूद कई सौ केन्याई का वध करने के आदेश जारी किए जिससे युगांडा में 245 केन्याई मारे गए और 3,000 भाग गए। इस सफल करवाई को ऑपरेशन एंटेबे (Operation Entebbe) के नाम से जाना जाता है। 

किसी दूसरे देश मे घुस के अपने नागरिकों को बचाने का ऐसा दुस्साहस दुनिया मे पहले कभी नही हुआ है । कंधार हाईजैक के दौरान भारत में भी ऐसी योजना बनी थी पर मीडिया के अतिउत्साह ने उस पर पानी फेर दिया और तालिबानों ने हवाई अड्डे पर विमान के चारो तरफ मिसाइल लगा दी लिहाजा हमले के दौरान यात्रियों के मारे जाने की संभावनाएं प्रबल हो गयी और भारत को आतंकवादी के साथ समझौता करना पड़ा और  मुश्ताक़ जरगर ,अममद सईद शेख और मसूद अजहर जैसे आतंकवादीयो को छोड़ना पड़ा जिसका लंबा  खामियाजा हम आज तक भुगत रहे है ।

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